इजरायल दुनिया के उन देशों में शामिल हो गया है जो कोविड-19 के खिलाफ जंग में उम्मीद की किरण दिखा रहे हैं। दो इजरायली कंपनियों ने कोविड-19 की रोकथाम के लिए प्रभावी वैक्सीन खोजने का दावा किया है। उम्मीद जताई जा रही है कि जून तक इसका मनुष्यों पर परीक्षण किया जाएगा। अगर प्रयोग सफल रहा तो कोरोना के खिलाफ जंग लड़ रही दुनिया को बड़ा तोहफा इजरायल की ओर से मिलेगा।
भारत और इजरायल इलाज से जुड़े विभिन्न पहलुओं के बारे में जानकारी साझा कर रहे हैं। इजरायल का दावा है कि वह अपनी तकनीक से जल्द कोरोना को हराएगा। वहीं, भारत को उम्मीद है कि इजरायल और भारत मिलकर कोविड-19 को पराजित करने का रास्ता तलाश लेंगे। प्रयोग सफल होने पर भारत इजरायल से तकनीक हासिल करेगा।
सस्ता और बोलने वाला वेंटिलेटर: इजरायली कंपनी ने एक सस्ता वेंटिलेटर भी तैयार किया है। इसका डिजाइन साझा करने पर बात हो रही है। एक बोलने वाला वेंटिलेटर भी तैयार किया गया है। इजरायल हर दिन 10 हजार टेस्ट कर रहा है। एप के जरिये रिमोट इलाकों में रहने वालों को भी टेस्टिंग से जोड़ा गया है। इजरायली मॉडल की काफी सराहना हो रही है।
इजरायल भारत से चिकित्सा और अनुसंधान से जुड़ी चीजें साझा करने को तैयार है। भारत कई अन्य देशों के साथ कोविड-19 के इलाज को लेकर संपर्क में है। जी-20 की बैठक में तय हुआ था कि सभी देश सूचनाओं को साझा करेंगे जिससे कोरोना की रोकथाम के लिए वैश्विक प्रयासों को सफलता मिले।
भारत-अमेरिका साझा शोध में जुटे: इंडो-यूएस विज्ञान व प्रौद्योगिकी फोरम ने कोविड-19 इंडो-यूएस वर्चुअल नेटवर्क के लिए प्रस्ताव आमंत्रित किया है। यह प्रस्ताव भारतीय व अमेरिकी वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को वर्तमान में कोविड-19 से संबंधित अनुसंधान में वित्तीय व अन्य सहयोग प्रदान करेगा। इससे एक वर्चुअल मैकेनिज्म के माध्यम से संयुक्त अनुसंधान गतिविधियों को अंजाम दिया जा सकेगा।

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