स्मार्ट सिटी योजना के तहत बनने वाले बारहद्वारी कांप्लेक्स के निर्माण लागत में कमी की गई है। अब इसकी निर्माण लागत 42 करोड़ रुपये होगी। शासन की आपत्ति के बाद प्रशासन ने छह करोड़ रुपये की कटौती की है। यही नहीं, कार्यदायी संस्था भी शासन के अनुमोदन से ही तय होगी। इसके अलावा, शहर के प्रवेश द्वार कहे जाने वाले एटा चुंगी, क्वार्सी, सारसौल व सासनीगेट चौराहे भी चमकेंगे। यहां लटके विद्युत तार हटेंगे और अंडर ग्राउंड केबिल डालकर इन चौराहों का सौंदर्यीकरण कराया जाएगा।

स्मार्ट सिटी योजना के तहत शहर की घनी आबादी वाले इलाके बारहद्वारी में स्मार्ट कांप्लेक्स का निर्माण होना है। इस कांप्लेक्स में रेस्टोरेंट, डायनिंग, पार्किंग समेत अन्य काम होने हैं। स्मार्ट सिटी परियोजना के अधिकारियों ने पिछले दिनों 48 करोड़ की डीपीआर तैयार कर शासन को भेजी थी। कार्यदायी संस्था भी तय कर दी थी। लेकिन शासन ने आपत्ति लगाते हुए प्रस्तावित बजट में कटौती करने के आदेश दिए थे। कमिश्नर गौरव दयाल ने बताया कि बारहद्वारी कांप्लेक्स निर्माण की प्रस्तावित राशि में कटौती कर इसे 42 करोड़ रुपये कर दिया गया है। कार्यदायी संस्था का भी शासन से अनुमोदन लिया जा रहा है। प्रोजेक्ट को लेकर मंगलवार को हुई बैठक में कमिश्नर ने निर्माण कार्यों में देरी पर नाराजगी व्यक्त की। कहा कि तेजी से काम कराकर सभी कार्यों को समय से पूरा कराया जाए। जिन कामों के टेंडर नहीं हुए हैं, उनके टेंडर जल्द किए जाएं। वर्तमान में चल रहे कामों मेें मानव श्रम बढ़ाकर मानक एवं गुणवत्ता के अनुरूप जल्द से जल्द पूरा किया जाए।


नगर आयुक्त प्रेम रंजन ने बताया कि महानगर के मुख्य मार्गों पर लगभग 12 किलोमीटर लंबाई में सड़कों के चौड़ीकरण के साथ ही दोनों तरफ फुटपाथ एवं डिवाइडर बनाए जाएंगे। शहर के चार मुख्य चौराहों क्वार्सी, एटा चुंगी, सारसौल एवं सासनीगेट पर झूलते विद्युत तारों को भूमिगत किया जाएगा। सड़क किनारे पार्किंग एरिया के साथ ही वेंडिंग जोन की स्थापना की जाएगी। जवाहर पार्क के सौंदर्यीकरण का कार्य जल्द शुरू किया जाएगा। सफाई व्यवस्था को सुचारू बनाने के लिए स्मार्ट उपकरण खरीदे जाएंगे। उन्होंने बताया कि फसाड लाइटिंग योजना में शहर के मुख्य भवनों सेवा भवन, घंटाघर, जवाहर भवन एवं अन्य पर लाइटिंग कराई जाएगी। जल संरक्षण एवं संचयन के लिए 12 सरकारी भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग प्रोजेक्ट तैयार किए गए हैं।

10 स्थानों में स्मार्ट टायलेट का निर्माण किया जा रहा है। इस मौके पर कैरेज वे प्रोजेक्ट, एलपीजी, सीएनजी शवदाह गृह, रेन वाटर हार्वेस्टिंग, स्मार्ट टॉयलेट आदि परियोजनाओं की बिंदुवार समीक्षा की गई। इस मौके पर एसीईओ राजकिशोर, डीजीएम राजेश कौशल, हिमांशु, सचिन सक्सेना, अभिषेक ओझा, शिप्रा अग्रवाल, मोहम्मद वारिस उपस्थित रहे।


0 Comments